द्वाराहाट, उत्तराखंड के राजकीय विद्यालयों में बच्चों को उद्यमिता विकास से जोड़ने के लिए व्यवसायिक शिक्षा से संबंधित कौशलम् पाठ्यक्रम की दो दिवसीय कार्यशालाओं के द्वितीय बैच का समापन आज राजकीय आदर्श इंटर कालेज बगवालीपोखर में हुआ।
प्रशिक्षणों के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी वंदना रौतेला ने कहा कि हम प्रायः शिक्षा को नौकरी प्राप्त करने का माध्यम मान लेते हैं इस धारणा को तोड़ा जाना चाहिए और बच्चों में बचपन से ही उद्यमी मानसिकता का विकास किया जाना चाहिए। कौशलम् कार्यक्रम बच्चों को उनके चारों और रोजगार की संभावनाओं को पहचान कर रोज़गार सृजन पर ज़ोर देता है।
नोडल अधिकारी अजय जोशी ने कहा कि बच्चों में उद्यमशील मानसिकता का विकास के लिए शिक्षकों को बच्चों कि रुचि पहचान कर उन्हें उनकी रुचि से संबंधित उद्यम के लिए तैयार करना होगा। प्रशिक्षण में संदर्भदाता नयन सिंह पांगती, रोहिताश सिंह अधिकारी, विनोद सिंह बोरा ने ध्यान देने की गतिविधियां, समस्या सुलझाने के विभिन्न चरण, छोटे आइडिया का बड़ा कमाल, उद्यमशील मानसिकता की पहचान, कौशलम कार्यक्रम में प्रधानाचार्यो की भूमिका, कक्षावार पाठ्यचर्या, डेमो सत्र समेत तमाम गतिविधियां कराई और टिप्स दिए। द्वितीय बैच में वहां रेनू चम्याल, मोहन चंद्र, महिपाल अधिकारी, राकेश नेगी, गीता जोशी, ललित भट्ट, कन्हैया लाल, मंजू नेगी, हेमवंती अधिकारी, गिरिजा भूषण समेत तमाम शिक्षक उपस्थित रहे। दोनों बैच में कुल मिलाकर माध्यमिक विद्यालयों के 87 प्रधानाचार्यों, प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।