मज़खाली, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और एनपीएस और यूपीएस के विरोध में शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने मज़खाली मुख्य बाज़ार में एकत्रित होकर सरकारी शासनादेश की प्रतियां जलाई।
सरकार से जल्द पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग करते हुए कर्मचारियों ने कहा कि समय रहते सरकार को इस पर निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन में समर्थन देने पहुंचे द्वाराहाट शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष ललित मोहन पालीवाल के नेतृत्व में दर्जनों कर्मियों ने एनपीएस और यूपीएस स्कीम की प्रतियां जलाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान ललित मोहन पालीवाल ने कहा कि देशभर में कर्मचारी इस मुद्दे को लेकर आंदोलित है, लेकिन सरकार उन्हें गुमराह करने पर तुली है। विधायक और सांसद ओपीएस पेंशन ले रहे हैं जबकि यूपीएस (उटपटांग पेंशन स्कीम) लागू कर कर्मचारियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। एक अक्तूबर 2005 का दिन उत्तराखंड के कर्मचारियों के इतिहास का एक काला दिन है। उन्होंने राज्य सरकार से कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी दिखाते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की।
इस मौके पर ललित मोहन पालीवाल, महेश कुमार, यशपाल मौर्य , मनीष वर्मा, हरीश राम, रमेश पुजारी, दिवाकर जोशी, ललित मोहन जोशी, सुरेश कुमार, रितु लोहानी, भुवन चंद लोहानी, श्रीमती चंद्रा, योगेश कुमार , सरिता वर्मा , रचना सिंह ,प्रताप सिंह जलाल, रमेश शर्मा, हेमंत कुमार, रश्मि चंद्र, प्रसून अग्रवाल ,पूजा अग्रवाल, अंजलि साह, ललित जोशी, श्वेता पटवाल, बालम अधिकारी, दिवाकर जोशी, धीरज साह, विजय कुमार, जसदीप सिंह उनियाल, डॉ एल एम जोशी, डॉ के एस अधिकारी, महिपाल सिंह अधिकारी, देवेन्द्र भट्ट आदि मौजूद थे।