इस साल सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी। भगवान शिव को सावन का महीना अति प्रिय है। हिंदू धर्म में श्रावण माह का विशेष स्थान है। इस माह के पूरे दिन बड़े ही भक्ति भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। शिव भक्तों को इस महीने के बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार सावन पर अद्भुत संयोग बन रहा है। सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हो रही है। ज्योतिषाचार्य डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि सावन महीने की गणना दो तरीके से होती है। एक संक्रांति और दूसरा पूर्णिमा के अनुसार। पूर्णिमा तिथि के अनुसार सावन महीना का 22 जुलाई से शुरू होगा, वहीं संक्रांति के अनुसार सावन का महीना 16 जुलाई से सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ ही शुरू हो चुका है। पूर्णिमा के अनुसार सावन में 5 सोमवार होंगे। वहीं, संक्रांति के हिसाब से 4 सोमवार होंगे। मूल रूप से लोग पूर्णिमा के हिसाब से ही सावन का व्रत करते हैं। पूर्णिमा के अनुसार वाले सावन का आरंभ सोमवार से होगा और समापन भी सोमवार को ही होगा।
सावन के सोमवार
22 जुलाई पहला सोमवार
29 जुलाई दूसरा सोमवार
5 अगस्त तीसरा सोमवार
12 अगस्त चौथा सोमवार
19 अगस्त पांचवा सोमवार
सावन माह में मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व है। सावन महीने के हर मंगलवार को मां पार्वती के लिए मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस बार सावन के महीने में 4 मंगला गौरी व्रत होंगे। पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई, दूसरा 30 जुलाई, तीसरा और चौथा मंगला गौरी व्रत 6 और 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
सावन महीने का महत्व सावन के महीने में भगवान शिव ही रुद्र रुप में सृष्टि का संचालन करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी तो सावन के महीने में भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था।