
पिथौरागढ़, महिलाएं अब केवल रसोईघर तक सीमित नहीं हैं। वे घर में खाली नहीं बैठना चाहती हैं। उन्होंने अपने समय की कद्र करनी शुरू कर दी है। शायद यही वजह है कि घरों में रहने वाली महिलाओं ने भी बहुत से कुटीर उद्योगों से खुद को जोड़ लिया है। आज औरतें घर बैठे ही मोमबत्ती, अगरबत्ती, फूल माला, बैट्री, बिंदी आदि बनाने का काम कर रही हैं। ऐसे उद्योगों में लगातार महिलाओं की रुचि बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरी महिलाओं का आंकड़ा कुटीर उद्योगों में अधिक बढ़ा है।
यह सच है कि महिलाओं के हाथ में जब रोजगार आता है तब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति तो सुधरती ही है, महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। कुटीर उद्योगों में मेहनत अधिक लगती है और मुनाफा कम होता है। फिर भी महिलाएं इस श्रम के लिए तैयार हैं। पिथौरागढ़ घंटाघर निवासी श्रीमती अंजू नेगी एवं उनकी सहयोगी ज्योति बसेड़ा, श्रीमती लता नेगी ऊन के विभिन्न प्रकार के वूलन कपड़े बनाने के साथ साथ तमाम तरह के क्रिएटिव कार्य भी करती हैं। वह कहती हैं कि ऊन द्वारा हस्त निर्मित उत्पाद जिनमें बच्चों की ऊनी ड्रेसेज़, देवी देवताओं के ऊनी वस्त्रों के अलावा तमाम फैंसी ऊनी कपड़े जिनमें स्वेटर, कुर्तियां, पोंचूं, ऊनी पर्स, तोरण, जुराबें, मेजपोश, थालपोश, टोपियां, मफलर, बेबी कम्बल आदि अपने हाथों से बनाकर जीविकोपार्जन कर रही है। साथ ही वह ग्राहकों की पसन्द पर आर्डर बुक कस्टमाइज़ करके भी ऊनी वस्त्र तैयार कर रही हैं। हांलांकि यह आमदनी बड़ी कंपनी में काम करने वाले लोगों से तो कुछ कम जरूर है, लेकिन जिस तरह से लोगों को उनके फैंसी ऊनी कपड़े पसन्द आ रहे हैं उससे लगता है कि आने वाले समय में अच्छी खासी कमाई होने के साथ ही भविष्य में व्यापार के तमाम नये रास्ते खुल जायेंगे। श्रीमती अंजू नेगी बताती हैं कि वह सुबह दस बजे तक अपने घर का काम खत्म कर वूलन सामान बनाने में जुट जाती हैं और यह सिलसिला शाम सात बजे तक चलता है। इसके बाद परिवार के लिए रात का खाना बनाना और जरुरी कार्यों में समय देती है। उनका सपना है कि वे अपने साथ तमाम महिलाओं को रोजगार देकर समाज में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करें। वे कहती हैं कि बूंद-बूंद से सागर भरता है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनकी मेहनत रंग लाएगी। वह कहती हैं कि यदि ऐसे काम में किसी कंपनी का साथ मिल जाता तो पहाड़ की मेहनतकश महिलाओं का हाथ मजबूत होता। उन्होंने सरकार से मांग की है कि महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार रचनात्मक कार्यक्रमों को बढ़ावा दे, पहाड़ में महिलाओं के लिए रचनात्मक कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की मांग की। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों और देश के विकास और प्रगति में भागीदार बन सकें। श्रीमती अंजू नेगी का कहना है कि प्रतिदिन सुबह 10 बजे से सांय 7 बजे तक लोग उनके मोबाइल नम्बर 7533986325 पर सीधे सम्पर्क कर सस्ते दामों पर सभी ऊनी सामान को खरीद सकते हैं तथा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
